
रक्तदान के प्रति जागरूकता अभियान
*रक्तदान के प्रति जागरूकता अभियान*
*आदिवासी दिव्यांग भी रक्तदान करने आगे समाजसेवी= मनोज
जिला ब्यूरो भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज
छुरा/गरियाबंद जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में रक्तदान के प्रति जागरूकता बहुत ज्यादा होने के बाद भी, आज भी काफी लोगों में गलत सोच रहता है, रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी होता है और शरीर में परेशानियां आते हैं, कमजोर व पतले शरीर के लोग यही समझते हैं की पतले शरीर है तो हमारे शरीर में खून नहीं होंगे लेकिन मोटे शरीर लोगों की अपेक्षा पतले लोगों के शरीर में खून की मात्रा ज्यादा होते हैं, रक्तदान करने से शरीर में एक अलग ही एनर्जी आते हैं और शरीर में किसी भी प्रकार की कमजोरी व परेशानियां दूर होते हैं शरीर में किसी प्रकार का रिएक्शन होने पर भी रक्तदान करने से ठीक होते हैं।
*मनोज पटेल रेड क्रास संरक्षक सदस्य के प्रयास लगातार ग्रामीण अंचल के लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
*अर्जुन मरकाम ग्राम पिपरछेड़ी का भी यही भावना रहता था कि हम पतले हैं तो हमारे शरीर में खून नहीं होगा उनकी माताजी का तबियत खराब होने पर मरकाम का माता जी को चार यूनिट ब्लड का आवश्यकता पड़ने पर उन्होंने स्वयं रक्तदान कर अपने आदिवासी समाज के लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आदिवासी दिव्यांग चैंपेश्वर ध्रुव जी का भी रक्तदान ,जयराम दाऊ कोचबाय आदिवासी साथ ही खिलेश निषाद ग्राम पंचायत कस निवासी हैं इस प्रकार से रक्तदाता का सहयोग से माता जी को चार युनिट रक्त मिय पाया
सभी रक्तदाता को समाज सेवी मनोज पटेल ने धन्यवाद दिया।